खुशबू बनो बोली।हालाँकि दोंस्तों कहाँ मैं 16 साल का नया लड़का था और कहाँ वो 40 साल की औरत थी। पर दोंस्तों अय्यासी तो अय्यासी ही होती है। चुदाई तो बस चुदाई ही होती है, जिसके लिए बस एक बुर चाहिए होती है और बस एक लण्ड। और दोंस्तों जब मेरे पास था लण्ड तो मैं क्यों नही करता घमंड।बस यही सब सोचकर मैं खुशबू बनो के मस्त मम्मो पर टूट पड़ा। मुँह में भरके उसकी मस्त गोल छातियां पीने लगा। उफ़्फ़ क्या काले काले घेरे थे। मैं खूब मस्ती से उसकी दोनों छातियाँ लेकर पीने लगा। मुझे लग रहा है कि खुशबू बानो कई दिन ने नही चुदी थी, कई दिनों से उसने लण्ड नही खाया था।खुशबू ने खुद अपनी सलवार का नारा खोल दिया। सलवार उतार दी, अपनी चड्डी भी उसने उतार दी। मैंने खुशबू बानो की चड्डी ले ली और बुर की जनाना खुश्बू को सूंघने लगा। उफ्फ्फ्फ़!
सियोल की हीना का जंगी अंदाज़
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