सहेली की माँ: किताबों के बीच अचानक भड़की हुई चाहत

मैंने अपनी दोनों टांगे ऊपर उठा ली थी. शिशिर और मैं उपर बने एक कमरे में आ गए. Mom xxx बोलो सहमत हो?? उन्होंने मेरी साडी निकाल कर मेरा पेटीकोट भी उतर दिया. अपने सैयां की तरह मैंने उनको कलेजे से लगा लिया.सासू माँ!! मैं इस राज को लेकर नहीं मारना चाहती हूँ. कहाँ मेरे पति ने मुझको १ साल ने नही चोदा था.दामाद जी ! वो भी मुझको चोदना चाहते थे. इसलिए दामादजी को बड़ा संगर्ष करने लगा. १ साल बाद मेरे पति को ये बात पता चल गयी. दामादजी, तुम्हारे ससुर तो मुझको आज भी हर रात कोसते रहते है. बड़ी तृप्ति मिली. वो भी मुझको चोदना चाहते थे. पर कहीं जमाने को खबर ना हो जाए? शिशिर मजे से मेरी गांड चोद रहें थे.मेरे दोनों चूतडों को उन्होंने हाथ से फैला दिया था और मस्ती से मेरी गांड चोद रहें थे. मेरे दामाद ने मुझको फिर से गले लगा लिया.मम्मीजी !!

सहेली की माँ: किताबों के बीच अचानक भड़की हुई चाहत

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