शादी-वादी भूल जा सुहागरात मना ले..!वो मुझे मजाक में डांटते हुए बोली- क्या पागलों जैसी बातें करती है।मैंने कहा- चल मैं भी समझती हूँ तेरे दिल में क्या है, अच्छा बता वो दिखने में कैसा है?उसने तब मुझे बताया- वो दिखने में काफी आकर्षक है।मैंने उससे कहा- मैं अपने भाई को बोल कर शादी में उसे भी बुला लेती हूँ, ताकि तुम दोनों मिल भी सको और घर का कुछ काम भी हो जाए।वो बहुत खुश हुई, पर नखरे करती रही कि किसी को पता चल जाएगा तो मुसीबत होगी।मैंने उसे समझाया- डरो मत, मैं सब कुछ ठीक कर दूँगी..!वो बुलाने पर आ गया, पर हैरानी की बात ये थी के वो मेरे पड़ोस के एक लड़के मनीष का दोस्त था जो हमारे साथ ही स्कूल में पढ़ा था। यह मनीष वही था जो मुझे पसंद करता था, पर मैं अपने घर वालों के डर से कभी उसके सवाल का उत्तर न दे सकी थी।आज
तेलुगू आंटी की चुदाई
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