गाँव की देसी जोड़ी का पीली साड़ी में जंगली संभोग

आज आ रही है..!तब उसने मुझसे विनती करनी शुरू कर दी।मैंने भी उसे कहा- नीद आ गई तो ठीक है वरना मैं कुछ नहीं कर सकती।इस पर वो मुँह बनाती हुई चली गई और लेट गई। मैं भी वापस आकर लेट गई और सोने की कोशिश करने लगी। यह सोच कर कि अमृता इतने दिनों के बाद खुश है, क्यों बेचारी को परेशान करूँ। पर पता नहीं मुझे नींद नहीं आ रही थी। जब भी नींद आने को होती तो अनूप के अमृता के ऊपर हरकत से तो कभी मनीष की हरकत से उठ जाती।तभी अमृता मेरी तरफ मुड़ी और मेरे कान में फुसफुसा कर बोली- सोती क्यों नहीं.. लगा लो न कभी सीने से.. Sister xxx पर वो मुझे जिद्द करने लगी कि नहीं, तो मैं चुपचाप सोने का नाटक करने लगी। इधर मनीष भी मेरे लिए तैयार था, वो भी मुझे चुपके-चुपके मेरे जिस्म को छूता और सहलाता.पर मैं मना कर देती, क्योंकि मैं नहीं

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