चलो आज हम लोग चुदाई चुदाई का खेल खेल खेलते है!!” दादा बोले.“ठीक है दादा!!” मैंने कहा.उसके बाद दादा जी मुझे बेड पर ले आये और मुझे लिटा दिया। वो मेरे उपर लेट गये और ओठो पर किस करने लगे। दोस्तों मैं 18 साल की वयस्क लड़की हो चुकी थी। अब मैं पूरी तरह से जवान हो गयी थी। मैं चुदने को और लंड खाने को तैयार थी।मेरे दादा मुझे देखकर, मेरी जवानी को देखकर पूरी तरह से पागल हो गये थे। वो मेरे उपर लेटे हुए थे और मेरे गुलाबी होठो का चुम्बन ले रहे थे। धीरे धीरे उनका लंड भी खड़ा हो रहा था। मैंने भी उनको बाहों में भर लिया था।वो जल्दी जल्दी मेरे होठ चूस रहे थे। इसके साथ ही दादा जी मेरे बूब्स को बार बार दबा रहे थे। दोस्तों मेरा फिगर अब 34, 28, 32 हो गया था। मेरे मम्मे तो बहुत ही खूबसूरत और गोल गोल भरे भरे
सुंदर चेक लड़कियाँ अपना मादक योनि दिखाती हुई
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