ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.उसको देख कर उसके मुंह से सीटियां निकल जाती थी। साफ पता चलता था कि वह मेरे जिस्म का भूखा है। कई बार वह छूने की कोशिश करता था आते जाते मेरी गांड पर हाथ रख देता था कभी मेरे बूब्स पर धक्का लगा देता था। 1 दिन की बात है मम्मी पापा दोनों हरिद्वार गए हुए थे 3 दिन के लिए मैं और मेरा भाई अनुज घर पर था।जब मैं नहाने गई बाथरूम में और नहा ली एक गलती हो गई मेरे से मैं अपना कोई कपड़ा नहीं ले गई थी। अब मैं बाहर हूं बाहर अनुज बैठा हुआ था वह भी इसी आशा में बैठा था ताकि वह मेरी गांड का और मेरे चूचियों का दीदार कर सके। कपड़ा मेरे पास था नहीं सारे भीग गए थे मैं नहा चुकी थी।अब मैं अनुज को बोलूं क्या कि मेरा ब्रा और पेंटी लाकर दे।
जिम में मिली गर्म माँ की चुदाई
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