भाभी की गर्म चुदाई का मज़ा

कहाँ मेरे घर वाले राज़ी होते, तो हमने यह आईडिया निकाला था कि मैं किसी लल्लू से शादी कर लेती हूँ, इसके बाद हम आराम से चुदाई कर सकते हैं।अगर वो सब जान कर चुप रहता है तो भी ठीक और अगर मुझे तलाक दे देता है तो और भी ठीक, क्योंकि तब मैं भी तलाकशुदा हो जाऊँगी और तब हम शादी कर सकते हैं। अब यह तुम्हारे ऊपर है कि तुम किस बात पर राजी होते हो।”“मतलब तुमने मुझे सिर्फ इस्तेमाल किया?”“ज़ाहिर है।”और मैं दूसरे विकल्प पर गया और अगले ही दिन उसे तलाक देकर खुद लखनऊ चला आया, जहाँ तब मेरी नौकरी थी। यह मुझे प्रयोग करने की शुरुआत थी जिसमें मुझे सिवा ज़िल्लत के कुछ न हासिल हुआ। लेकिन इसके बाद मैंने इस प्रयोग में भी अपनी दुनिया तलाश ली।मैं कृष्ण पार्क के एक मकान में किरायेदार के तौर पर रहता था। मैं अकेला ही रहता था जब कि ऊपर की मंजिल

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