बहुत मजा मिला!” मैंने कहा.उसके बाद दोस्तों हम फिर से प्यार करने लगे। जन्मेजय ने मुझे एक बार और चोदा। फिर चला गया। दोस्तों, इसी तरह अब रोने आने लगा था। जब मेरे घरवाले होते थे तो वो कुछ नही कर पाता था, पर जब मैं घर पर अकेली होती थी तो वो मुझे बिना चोदे मानता ही नही था।चाहे मैं उससे जितना मना करू पर वो मुझे पेलता जरुर था। अब ११ महीने बीत चुके थे और जन्मेजय का १ साल पूरा होने वाला था। सिर्फ १ महीना कम था। एक दिन जन्मेजय रात को मेरे घर आ गया। मेरे घर वाले किसी पार्टी में गये थे। जन्मेजय ने मुझे पकड़ लिया और मेरे मम्मे दबाने लगा।“चल चूत दे!!” जन्मेजय बोला.“जन्मेजय!!
दुष्ट डॉक्टर का दूधिया इलाज 2
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