पादरी के अंदर आने का पता ही नहीं चला, कब उसने मुझे चोदना शुरू किया पता ही नहीं चला, पर अब भी यकीन नहीं होता कि ऐसा हुआ

उसे कुछ समझ में नहीं आया। शाजिया की पैंटी ब्रा भी मँहगी और डिजाइनर थी। अगले दिन नहाने के बाद वो पैंटी को अच्छे से साफ करके सूखने दी। अगले दिन उसकी पैंटी तो ठीक थी लेकिन उसकी ब्रा टाइट जैसी थी। शाजिया को समझ में नहीं आ रहा था की हो क्या रहा है?आज शाजिया जो डिजाइनर पैंटी ब्रा पहनी थी वो बिल्कुल नई और फुल्ली ट्रांसपेरेंट थी। अगले दिन जब शाजिया छत से कपड़े उतारने गई तो उसकी गुलाबी ट्रांसपेरेंट पैंटी चूत के एरिया में पूरी तरह से टाइट थी। शाजिया जब गौर से देखी तो उसे किसी लिक्विड का दाग उसमें नजर आया। नई पैंटी जिसे वो अच्छे से धोई थी, दाग होने का सवाल ही नहीं था।शाजिया उसे अच्छे से छूकर देखने लगी और फिर अपनी नाक के पास ले गई। एक अजीब सी गंध थी जो शाजिया को बहुत अच्छी लगी। शाजिया फिर से उसे सूँघने लगी, और पूरी तरह

पादरी के अंदर आने का पता ही नहीं चला, कब उसने मुझे चोदना शुरू किया पता ही नहीं चला, पर अब भी यकीन नहीं होता कि ऐसा हुआ

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