आआअहह”बोलकर चीख रही थी। मैंने देवर के गले में अपने दोनों हाथ डाल दिए थे और हम दोनों ही आँखें बंदकर एक दूसरे के होठ चूस रहे थे। देवर के हाथ मेरी चूचियों को ब्लाउज के उपर से ही दबा रहे थे। बड़ा मजा आ रहा था दोस्तों। बड़ी देर तक देवर मेरे नीले रंग में रंगे होठ चूसता रहा और मजा लेता रहा।फिर उसने मुझे आंगन के फर्श पर लिटा दिया और मेरे भीगे ब्लाउज की बटन खोलने लगा। मेरा कजेला तो धकर धकर कर रहा था। आखिर देवर ने मेरा ब्लाउज खोल दिया और ब्रा भी निकाल दी। मेरे २ बेहद खूबसूरत गोरे गोरे मम्मो देवर के सामने थे। उसे मस्ती सूझी। उसने अपनी पैंट की जेब से एक हरे रंग की पुडिया निकाली और फाड़ने लगा।“नही…..नही……देवर जी, मेरे चूचो में रंग मत लगाओ!!” मैंने घबराकर कहा.पर मेरा ठरकी देवर नही माना। उसने अपने हाथ में रंग घोल लिया और और मेरे दोनों
शिक्षिका द्वारा गुदा मैथुन
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