परिवार के पागलपन भरे सेक्स किस्से

कहने लगे। उसके बाद सब लोग खाना खाकर मजे से बात कर रहे थे। रात काफी हो चुकी थी। पडोसी और सारे मेहमान अपने अपने घर चले गए। घर पर मम्मी पापा ही थे। वो लोग भी थक हुए थे और अपने रूम में जाकर कुछ ही देर बाद सो गये। मुझे और दीदी को नींद ही नहीं आ रही थीं। हम दोनों लोग आज भी एक ही रूम में सोते थे।दीदी: अपूर्व तुम्हे नींद आ रही है?मै: नहीं दीदी मुझे नहीं आ रही आपको??दीदी: मुझे भी नहीं आ रही है यार!!मैं: दीदी चलो हम सब बात करते हैं।दीदी का बिस्तर मेरे बिस्तर से दूर था।दीदी: तेज बोलोगे तो आवाज होगी। तुम मेरे बेड पर ही आ जाओ।मै: ओके दीदी!!दीदी: और बताओ आज पार्टी में मजा आया।मै: बहुत मजा आया। वो आपकी फ्रेंड निहारिका बहुत अच्छी लग रही थी।दीदी: क्यों मै अच्छी नही लगती क्या??मैं: अपनी तो बात ही न किया करो आपसे से भी कोई अच्छा हो सकता है क्या???

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