मीठा परिवार पहला भाग: सुबह का नाश्ता

और ऊपर चली गई।पहली बार मुझे उसको लेकर गलत विचार आए और पूरे दिन की बातें दिमाग में घूमने लगी। धीरे धीरे मेरा मूड बन गया और फिर बाथरूम में जाकर मुठ्ठी मारी और सो गया। अगले दिन जब मैं कॉलेज से आया तो अंकल ने आवाज लगाई और कहा- शाम को हम सभी डिनर पर जाएंगे, तैयार हो जाना।हम सभी रात को डिनर पर गए। डिनर करते समय संजना मेरे दाएं तरफ बैठी थी। डिनर लगभग आधा हुआ था कि संजना का पैर मेरे पैर से टकराया और तुरंत अलग हो गया। मैंने उसको नजरअंदाज कर दिया, मुझे लगा कि पैर ऐसे ही टकरा गया होगा। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.परंतु थोड़ी देर बाद पुनः उसका पैर मेरे पैर से टकराया लेकिन इस बार अलग नहीं हुआ। मैंने थोड़ा इंतजार किया लेकिन उसका पैर अलग नहीं हुआ तो मैंने भी उसके पैर को अपने पैर के नीचे दबा

मीठा परिवार पहला भाग: सुबह का नाश्ता

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