एस की तैयारी कर रहा था। कभी कभी ही वो घर आता था। पति के जाने के बाद मै भी अपने मायके चली गयी। वहाँ मुझे चुदाई की तड़प बहुत सता रही थी।मै कुछ दिन मायके में रहके वापस अपने ससुराल आ गयी। मेरा देवर भी उस टाइम आया हुआ था। देखने में मेरे पति की तरह खूब हट्टा कट्टा मर्द लगता था। वो मेरे पति से ज्यादा बड़ा था। पर्सनालिटी भी उसकी बहुत लाजबाब थी।देखनें में तो एक दम से वो हीरो की तरह लगता था। उसका नाम जन्मेजय था। नाम की तरह वो भी बहुत ही सीधा साधा भोला भाला दिखता था। उसकी मासूमियत को देखकर मेरे को बहुत मजा आता था। मेरे से पतिदेव एक दिन सेक्स की बात कर रहेथे। मै बहुत ही गर्म हो गयी।“फोन पर सेक्स की बात करके आप चूत में आग लगा देते हो” मैंने कहा.“तो जाकर मेरे छोटे भाई से बुझवा लो अपनी आग को” पतिदेव ने हँसते हुए कहा.मैने भी हँसते हुए मजा लिया। लेकिन
कमसिन सौतेली बहन की गुदा मारने की कठोर कहानी
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