माँ और बेटे का गरम रिश्ता – कथिया नोबिली

कर रहे थे।दीदी की गैर मौजूदगी में मैं जीजा के साथ ऐश कर रही थी। वो मेरे चिकनी चूचियों को सहलाने लगे। मेरी भुंडी को मसलने लगे। दोस्तों अब मैं पूरी तरह से चुदासी हो गयी थी। अब मैं जीजा से कसके चुदना चाहती थी। उनका मोटा लंड अपनी बुर में खाना चाहती थी।मैं किसी देसी रंडी की तरह जल्दी जल्दी जीजा का लंड चूस रही थी। फिर मैं उनकी गोलियां चूसने लगी। जीजा की गोलियां काफी बड़ी बड़ी थी। चिकनी थी। मैं मुंह में लेकर चूस रही थी। जीजा को अच्छा लग रहा था। मैं 15 मिनट तक उनकी गोलियों को चूसती रही।जीजा का लंड किसी तेज धारदार चाक़ू की तरह दिख रहा था। मैं जानती थी की ये चाकू आज मेरी चूत को चीर के रख देगा। मैं अच्छी तरह से जानती थी। फिर उन्होंने मुझे लिटा दिया और मेरे पैर खोल दिए। जीजा मेरी चूत को सहलाने लगे।“तेरी झांटे तो पूरी तरह

माँ और बेटे का गरम रिश्ता – कथिया नोबिली

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