इस तरह 13 दिन तक पापा ने दिन रात मेरी चुदाई की, पापा मुझे कभी कुतिया बनाते तो कभी खड़ा करके हर तरह से चुदाई करते थे।हम बाप बेटी दिन रात चुदाई करते रहे। 14वें दिन मम्मी वापस लौटीं। उस वक़्त 4 बज रहे थे, घर में सिर्फ मैं और पापा थे, उस दिन पापा ऑफिस नहीं गए थे। मैं पापा का लंड चूस रही थी जब दरवाज़े का बेल बजी। हम उस समय ये भूल गए थे कि मम्मी आज वापस आने वाली है।बेल की आवाज़ सुनकर पापा टॉवल लपेटकर दरवाज़ा खोलने चले गये। मैं बिस्तर पर नंगी बैठी उनके आने का इंतज़ार करती रही। लगभग 5 मिनट बाद मेरे रूम का दरवाज़ा खुला। मैं सोच रही थी कि पापा ही होंगे। दरवाज़ा खुलते ही मेरे मुंह से निकला- ओहह पापा, जल्दी आओ न… मैं…मेरे आगे के शब्द हलक में ही घुट कर रह गये जब मेरी नज़र दरवाज़े पर खड़ी मम्मी पर पड़ी।
नई सेक्स लाइफ का दूसरा पार्ट – बांग्ला चूत की कहानी
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