मेरे पति के कई मित्र हैं, दो तो इतने गहरे मित्र हैं की अक्सर मिलने घर तक चले आते हैं, जब पतिदेव ने एकदम निराश कर दिया तो मेरा ध्यान उनके दोनों मित्रों की ओर स्वभाविक रूप से चला गया.वे दोनों भी शादी शुदा और दो दो बच्चों के पिता हैं, उनसे मैं कभी पर्दा नहीं करती थी, पति के सामने भी हंसती बोलती थी, उनकी नजरों में मेरे यौवन की लालसा सदैव झलकती थी, लेकिन मैं नजरन्दाज कर जाती थी, क्योंकि मुझे उनकी जरूरत मासुस नहीं होती थी, मेरे पति भी हिर्ष्ट पुष्ट और मेरी पसन्द के पुरुष थे.लेकिन चूँकि उन्होंने मुझे निराश किया इसलिए वे मेरी नजरों में बुरे बन गये थे, और इसलिए मैं उनके मित्रों की ओर आकर्षित हो गई, पहले जब उनके मित्र आते और पति ना होते तो लौट जाते थे लेकिन अब पति नहीं होते तो उनके मित्रों से बैठने, चाय पिने का अनुरोध करती हूँ, कभी एक
भाभी की गर्म चुदाई की पूरी कहानी
Actors:
Andrea1010 / Surdosex
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