पहले तो आंटी नखरे दिखा रही थी लेकिन दो मिनट के बाद आंटी भी मेरा साथ देने लगी। फिर में आंटी के होंठो को चूमता रहा है चूसता रहा।तभी आंटी ने मेरी पेंट की ज़िप खोलकर मेरे लंड को बाहर निकाल दिया। फिर लंड को पकड़ कर आगे पीछे करने लगी और फिर लंड के सुपाड़े को मुट्ठी में पकड़ कर दबाने लगी। तभी में भी आंटी की साड़ी के पल्लू को बूब्स पर से हटाकर उनकी चूची को बाहर से चाटने लगा।फिर में उनकी ब्रा का हुक खोलकर चूची को दबाने लगा और तभी आंटी मेरे लंड को मसलती रही और आहें भरती रही। मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे दोनों बूब्स में 2-2 किलो दूध भरा हो। फिर मुझसे रहा नहीं गया और फिर में बूब्स के निप्पल को मुहं मे भरकर चूसने लगा और फिर दूसरे को दबाने लगा।फिर बूब्स को चूसने और दबाने में मुझे बहुत अच्छा लग रहा था
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