युवा कामुक किशोरी

“Village Girl”मैंने उसके कपडे के ऊपर से ही उसकी क्रिकेट के बाल के साइज की चूचियाँ दबाई, पहला एहसास गजब का था वो हरेक दबाब पे कह रही थी “धीरे ना दर्द होता है” ये लाइन आज भी जब याद करता हु तो सब कुछ भूल जाता हु, उतना हसीन एहसास आज तक नहीं हुआ मेरी ज़िंदगी में.मैंने उसके कपडे को ऊपर कर दिया और चूचियाँ दबाने लगा, वो आह आह आहाह उह्ह्ह्ह्ह उह्ह्ह उह्ह कर रही थी मैंने उसके सलवार का डोरी खोल दिया, और निचे कर दिया, वो अंदर कुछ भी नहीं पहनी थी, उसके बूर में बाल नहीं थे बिलकुल साफ़ था.मैंने उसके दोनों टांगो को अलग किया और बूर को चिर के देखा तो अंदर लाल लाल दिख रहा था, अंदर कोई भी छेद नहीं था जिससे मेरा लंड अंदर जा सके, एक पतला सा छेद था, मैंने अपना लंड निकाल लिया, मेरी साँसे जोर जोर से चलने लगी, वो भी

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