गोरी चूतड़ों की गीली यादें – चाटने का मज़ा

उन किताबों से जो ज्ञान प्राप्त हुआ था आज उसका वो पूरा प्रयोग अपनी नयी नवेली पत्नी पर कर रहा था. उमाकांत को पता था कि अक्षरा सारा दिन घर पर रहेगी तो किसी न किसी दिन उसे पता तो चलेगा ही.इसी लिए उन्होंने योजना बना रखी थी कि अक्षरा को थोड़े दिन में किसी प्रकार से अपनी इन गतिविधिओं में शामिल कर लेंगे. XXX चुदाई की थकान से नींद इतनी गहरी आयी कि सुबह के पांच बज कब गए थे पता ही नहीं चला. उसने अपनी सहेली के साथ ब्लू फिल्म देखी थी जिसमें एक काला नीग्रो एक अंग्रेज़ औरत कि चूत को चाटता है.पर उसे ये नहीं गुमान था कि हिन्दुस्तानी मर्द ऐसा करते होंगे. उसने गपाक से ससुर का लंड अपने मुंह में ले लिया.

गोरी चूतड़ों की गीली यादें – चाटने का मज़ा

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