जब तक यह खड़ा नहीं होगा तो जायेगा कैसे।इन दो चुदाई में इतनी तो बात समझ में आ गई थी कि लंड की पूरी ताकत उसके टाईट होने पर है, अगर ढीला है तो फिर वो किसी काम का नहीं। भावेश अपने हाथ में अपने सिकुड़े हुए लंड को लिये था और हंस रहा था।.मैं पलटी और घुटने के बल बैठ कर उसके लंड को अपने मुंह में ले लिया। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.जैसे ही मैंने उसके लंड को अपने मुंह में लिया तो मेरे और उसके मिलन का जो रस था, उसका स्वाद मेरे मुंह में था। मैं उसके लंड को चूस रही थी। तभी भावेश ने अपने लंड को मेरे मुंह से बाहर निकाला और उसके खाल को पीछे करते हुए लंड के टोपे को दिखाते हुए मुझे उस हिस्से पर अपनी जीभ फिराने के लिये बोला।भावेश जैसे जैसे बोलता गया, मैं उसके टोपे को चाटती