लेकिन आज ही के दिन यह सब हो जाएगा.. Sister xxx आहन्न.. उसे भरने के लिए मैं कुछ अन्दर लेने को मचल रही थी। मुझे सीधा करके अंकल की अब उंगली आसानी से मेरी गुलाबी चूत में जा रही थी। मैं बहुत जोर से सिसकारियाँ ले रही थी ‘उन्नन्नह्हह.. तुम्हारे पति विनय मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं.. लेकिन मैंने दरवाजे पर जाकर देखा कि आज अंकल के साथ एक और आदमी भी था। दोस्तों अभी इस माँ बेटी की चुदाई की कहानी अभी जारी रहेगी. आहन्न.. माँ की गाण्ड पर जैसे ही चोट पड़ती.. कोई नई बात नहीं थी.. वो दो जिस्मों की जरुरत है.. बिना बाल की चूत है.. आआह.. आहा.. समझदार हो.. प्रकाश अंकल का हाहाकारी लण्ड माँ की मुनिया की सहेली उनकी गाण्ड में पूरा घुस चुका था।जूही- प्लीज प्रकाश..
छोटी सौतेली बहन बिस्तर साझा करती है: “यह रिश्ता परिवार में ही रहना चाहिए”
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