मेरी चूत भी अब गीली हो चुकी थी, मैंने फट से अपने दोनों चुंचे खोले और जेठ जी का लंड उसके बिच में रख दिया.आलोक मेरा इरादा समझ गए और उन्होंने मेरे स्तन को अपने गधे जितने मोटे लंड से चोदना शरू क्र दिया, मैं चुन्चो के बिच में थूंक कर उन्हें चिकना करती रहेती थी जिससे आलोक को ज्यादा घर्षण ना लगे. मेरी जेठानी सीमा भी मेरी तरह चुदक्कड़ ही थी. Aunty xxx मैंने चुपचाप उसके मोबाइल के मेसेज देखे थे, और मुझे यकीन था वोह जरुर किसी जवान लंड से चुदवाने के लिए ही हम से अलग हुई थी.मैं मनोमन उसकी किस्मत से जलती हुई घर आ गई, जेठ ने मेरे पास चाय मांगी और मैंने चाय दे दी उसे, मैं अब कमरे में आ गई और तभी मेरी चूत और स्तन दोनों फिर से उठ खड़े हुए.
गोरी चूत में ड्रिल करूं तो काली रंडी का पानी फूटे!
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