नया परिवार 54: जब रिश्तों में आया ज़ोरदार मोड़

कोई मालकिन अपने किरायेदार को चाय देती है क्या??” मोहिर कप को मुंह से लगाकर बोला.“तुम मुझे अच्छे लगते हो” मैंने कहा.कुछ देर बाद उसने चाय पी ली और मेरे करीब आकर खड़ा हो गया। फिर मेरे लिप्स की तरफ बढ़ने लगा। मैंने भी कुछ नही कहा और फिर अपने कमरे में उसने मुझे पकड़ लिया और ओंठो पर चुम्बन लेने लगा। मैं भी उसका साथ देती रही और हम दोनों ने एक दुसरे को पकड़ लिया और ओंठ से ओंठ मिलाकर चूसने लगे। अतुल ने काफी देर तक मुझे चूसा और किस किया। मैं भी गरमा गयी और यौन उत्तेजित हो गयी।“अकांक्षा!! Mom xxx कहाँ गयी तुम??” मेरी मम्मी नीचे से आवाज लगाने लगी ये आवाज सुनते ही मैं जल्दी से उठ गयी और अपनी पेंटी ने अपनी चूत को साफ़ करने लगी। अतुल के लंड से 100 ग्राम माल मेरी चूत में भर दिया था इसलिए रस मेरी चूत ने निकलता ही जा रहा था।

नया परिवार 54: जब रिश्तों में आया ज़ोरदार मोड़

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